बरेली: चुन्ना मिया मंदिर आस्था और भाईचारे की एक बड़ी मिसाल के तौर पर जाना जाता है। इस मंदिर को पूजा अर्चना के साथ साथ हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इतिहास के पन्नों में इसकी अनोखी कहानी दर्ज है।
कटरा मनराय में है मंदिर
बरेली जिले के कटरा मनराय इलाके में बना लक्ष्मी नारायण का मंदिर एकता का मंदिर है, इसे चुन्ना मिया मंदिर के नाम से जाना जाता है। हिंदू मुस्लिम भाईचारा और एकता इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है।
सेठ फजरूल रहमान में बनवाया मंदिर
इस मंदिर के निर्माण के पीछे भी एक अनोखी कहानी है इसे बनवाने के लिए जमीन बरेली के सेट फजरूल रहमान ने दी थी। इन्हें चुन्ना मियां के नाम से भी बुलाया जाता था।
मंदिर के निर्माण के लिए जमीन चुन्ना मियां ने ही दी थी। लोगों के कहने पर उन्होंने यह जमीन देने का फैसला किया था। इस मंदिर में आज भी हर धर्म और जाति के लोग आते हैं। मंदिर का निर्माण 16 मई 1960 में हुआ था। इसका उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी ने किया था।
चुन्ना मिया मंदिर के द्वार पर अशोक लाट
इस मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही अशोक लाट को लगाया गया है, जो इसे कई मामलों में सबसे अलग बनाता है। आमतौर पर मंदिर में ऐसी तस्वीर कम ही देखने को मिलती है, लेकिन यहां मानवता और आस्था एक ही तराजू में तोले जाते हैं।
देश में जहां एक तरफ हिंदू मुस्लिम को लेकर आम लोगों की विचारधारा मिली जुली मिलती है। कई बार संप्रदायिक दंगे भी देखने को मिलते हैं। वहीं ऐसे माहौल में बरेली का चुन्ना मिया मंदिर समाज की एकता और भारत की अखंडता को समेटे हुए है।