किसान आंदोलन के 100 से ज्यादा दिन बीत चुके है लेकिन अभी तक न तो किसान अपनी मांगो को लेकर पीछे हटने को तैयार है और न ही सरकार उनके सामने पूरी तरह झुकने को तैयार नज़र है। आज फिर एक बार किसान नेता राकेश टिकैत का एक बयान आया है। जिसने इस बात को और भी ज्यादा मजबूत कर दिया है कि आंदोलन अभी काफी लम्बा चलेगा।
दरअसल भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक सवाल के जबाब में कहा की आंदोलन लम्बा चलने वाला है। हालांकि आंदोलन कर रहे किसानो की तैयारिओं को देखते हुए पहले से भी ये कयास लगाए जा रहे थे कि आंदोलन कर रहे किसान पूरी तैयारी के साथ है। भले ही आंदोलन कर रहे किसानो की संख्या में कमी आ रही हो लेकिन उनकी तैयारियों को देखकर कही से ऐसा नहीं लगता है कि आंदोलन ख़त्म करने का किसानो का कहीं से कोई प्लान है।
राजनितिक पार्टिया किसानों के साथ
किसान अभी तक सिर्फ दिल्ली के बॉर्डर पर अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलनरत थे। लेकिन अब वो पंचायत के माध्यम से जगह जगह अपनी मांगो को लेकर आंदोलन कर रहे है।
देश की कई राजनितिक पार्टिया भी किसनो के साथ इस आंदोलन में है। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियका गाँधी किसान आंदोलन को लेकर लगातार किसान पंचायत में खुलकर किसानो के साथ खड़ी नज़र आ रही है। वही राहुल गाँधी भी किसानो के साथ लगातार नज़र आ रहे है और किसानो की आवाज़ को लेकर सरकार को खुले मंच और सोशल मीडिया से घेर रहे है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल भी आंदोलन की शुरुआत से ही किसानों के साथ बोलते नज़र आये है।
पंजाब और हरियाणा से शुरू हुआ ये आंदोलन अब उत्तरप्रदेश में काफी ज्यादा सक्रिय नज़र आ रहा है। उत्तर प्रदेश में लगातार ये आंदोलन जोर पकड़ रहा है हर रोज़ प्रदेश में किसान पंचायते आयोजित की जा रही है।जिसमे लगातार बड़े बड़े राजनेता भी पहुंच रहे है।
पहले जहाँ ये बात कही गई थी कि किसानों का ये आंदोलन गैर राजनितिक रहेगा, लेकिन 2022 में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव है। ऐसे में ये आंदोलन प्रदेश में भी गैरराजनीतिक नहीं रहा है।सभी विपक्षी पार्टियां इस आंदोलन के माध्यम से सरकार को घेरने में जुटी है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी किसानो के साथ लगातार किसान आन्दोलन नज़र आ रहे है।वही बसपा प्रमुख मायावती ने भी केंद्र सरकार से तीनो कानून वापिस लेने की अपील की थी।