प्रधान मंत्री ने आज सुबह कोरोना वैक्सीन का पहला टीका दिल्ली के एम्स अस्पताल में लगवा लिया है।देश में आज से ही कोविड वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू हुआ है ऐसे में सरकारअब देश के प्रत्येक वरिष्ठ नागरिक तक वैक्सीन पहुंचाने की कोशिश कर रही है। भारत में जब कोरोना की वैक्सीन लगनी शुरू हुई तो लोग इसकी विश्वसनीयता पर सवाल भी उठाने लगे लेकिन सरकार ने देश की जनता को आश्वस्त करने की पूरी कोशिश की कि देश में निर्मित कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है जिसके लिए काफी समय से चली आ रही कोरोना सतर्कता को लेकर अमिताभ बच्चन की कॉलर ट्यून को भी कही न कही बदल कर कोरोना वैक्सीन की विश्वसनीयता को प्रमाणित करती हुई कॉलर ट्यून लांच कर दी। अब जब देश में कोरोना वैक्सीनेशन का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरे की शुरुआत हो चुकी है जिसमे देश के वरिष्ठ नागरिक जो 60 साल से ऊपर है या 45 से ऊपर है और किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है उन तक इस वैक्सीन को पहुंचाने के लिए सरकार प्रयत्नशील है ऐसे में उसके शुरुआत में ठीक पहले दिन देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कोरोना की वैक्सीन लगवाकर ये साबित करने की कोशिश की है कि वो भी देश के आम आदमी की लिस्ट में ही है।
चुनावों के आधार पर थी पूरी तैयारी ?
भले ही मोदी ने आम आदमी की तरह दूसरे चरण में खुद अपना वैक्सीनेशन करवाया हो जिसमे वो आते है लेकिन देश के कई राज्यों में चुनाव है ऐसे में लोग इसे चुनाव से भी जोड़ने में नहीं चूक रहे है। सोसल मीडिया पर मोदी के वैक्सीनेशन को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है कुछ लोग इसको मोदी का चुनावी टीका भी बता रहे है और ये साबित भी कर रहे है कि मोदी ने उन बातो का विशेष ध्यान रखा है जिससे उन्हें चुनाव में राजनितिक लाभ मिले।
दरअसल मोदी को जिस नर्स ने टीका लगाया है बताया जा रहा है कि वो पुद्दुचेरी की है और आने वाले दिनों में पुड्डुचेरी में चुनाव है जबकि टीका लगाने वाली नर्स के साथ दूसरी नर्स जो मोदी के साथ फोटो में खड़ी नज़र आ रही है बताया जा रहा है कि वो केरल की है और केरल में भी चुनाव की तारीख आ गई है जबकि मोदी ने जो ड्रेस पहना है उसका गमछा असम का है और वहां भी बहुत जल्द चुनाव होने है जिसके भी तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग द्वारा की जा चुकी है।
राजनाथ सिंह ने बताया था तमिल भाषा को सभी भाषाओं की अम्मा
बहरहाल इससे पहले भी अभी हल ही में प्रधान मंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में भी एक सवाल का जबाब देते हुए तमिलनाडु के बारे में बात की थी जिसमे महिला ने मोदी से सवाल किया था कि आप प्रधानमंत्री है और इससे पहले भी आप मुख्यमंत्री रहे तो ऐसे में आपको तो किसी चीज़ की कमी नहीं रही होगी फिर भी आपको क्या लगता है कि कुछ आप फिर भी नहीं कर पाए ? तो इस सवाल का जबाब देते हुए मोदी ने कहा था कि हा मैं देश की सबसे प्राचीन भाषा तमिल को सीखने का ज्यादा प्रयास नहीं कर पाया और तमिल नहीं सीख पाया जिसका मुझे दुःख है। और तमिल भाषा के बारे में व्याख्यान भी किया था जिसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा रही लोगो की तरह तरह की प्रतिक्रियाये इसको लेकर भी आई कि तमिलनाडु में चुनाव है जिसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल भाषा को देश की सबसे प्राचीन भाषा का नाम दे दिया है। आपको बताते चले कि अभी हाल के ही दिनों में देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी तमिलनाडु में चुनावी दौरे पर थे तब उन्होंने भी सभा में तमिल भाषा को सभी भाषाओं की अम्मा बताया था।