देश की मीडिया जगत में युवा और नए पत्रकारों के साथ हो रहे दुरव्यौहार और अन्याय के खिलाफ कुछ युवा पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर मोर्चा खोला हैं इसके लिए इन युवा पत्रकारों ने फेसबुक,इन्स्टाग्राम और ट्विटर पर #MediaMafia नाम का एक कैंपियन चलाया है जिसके माध्यम से इन युवा पत्रकारों ने मीडिया जगत के अन्दर चल रहे काले कारनामों का सच सामने लाने का प्रयास किया है कि किस तरह मीडिया इंडस्ट्री नए लोगो को बिना लिंक/रेफरेंस के उन्हें अपने संस्थान में नौकरी नहीं देता है और किस तरह से उनसे इंटर्नशिप के नाम पर महीनो तक फ्री में काम लिया जाता है और नौकरी के नाम पर 2हज़ार रूपये महीने दिए जाते है, किस तरह मीडिया माफिया के कारण एक पत्रकार को दलाल या फिर किसी पार्टी का प्रवक्ता बना दिया जाता है किस तरह एक मीडिया इंडस्ट्री लडकियों को गिद्ध की नज़र से देखती है
इस सच को सामने लाने के लिए इन युवा पत्रकारों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया है और #mediamafia नाम का सोशल मीडिया पर कैंपियन शुरू किया .
इस अभियान की शुरुआत माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय नोयडा कैंपस के दो पूर्व छात्र अभिषेक रंजन और शिवनारायण ने की थी शुरुआती दौर में देवेश अवस्थी ,आलोक दुबे ,मुकेश कुमार,गौरव झा, राहुल पाठक और आशीष ने इनका साथ दिया लेकिन बहुत ही कम समय में सैकड़ो पत्रकार इस अभियान का हिस्सा बन गए जो इस कैंपियन के माध्यम से मीडिया में हो रहे अन्याय और जुर्म के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रहे है #mediamafia के माध्यम से इनका प्रयास है की युवा पत्रकारों के साथ हो रहे अन्याय और उनके शोषण के बारे में लोग जाने की किस तरह से लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहे जाने वाले मीडिया जगत में नए पत्रकारों का शोषण किया जा रहा है