तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पद की सपथ लेते हुए उत्तराखंड में सपथ लेने वाले 12वे मुख्यमंत्री बन गए है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शाम 4 बजे के करीब मुख्यमंत्री पद की सपथ ली। उन्हें राज्यपाल बेबीरानी ने मुख्यमंत्री पद की सपथ दिलाई।
उत्तराखंड की सियासत में आये अचानक राजनितिक उठापटक के बीच कल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। राज्यपाल को अपना इस्तीफ़ा देने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि उन्होंने सर्व सहमति से निर्णय लिया है। साथ ही उन्होंने पार्टी शीर्ष नेतृत्व को उन्हें मौका देने के लिए शुक्रिया भी दिया उन्होंने कहा कि मैंने ये कभी सोचा भी नहीं था कि पार्टी उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी देगी।
20 साल में प्रदेश को मिले 12 मुख्यमंत्री
उत्तराखंड के सियासत की अनोखी कहानी है यहाँ से आजतक सिर्फ एक ही मुख्यमंत्री ऐसा हुआ है जो अपना पांच वर्षो का कार्यकाल पूरा कर पाया है। साल 2002 में नारायण दत्त तिवारी कांग्रेस पार्टी से प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने अपना पांच वर्षो का कार्यकाल पूरा किया था। लेकिन उनके अलावा आज तक प्रदेश 11 बार मुख्यमंत्रीओ को सपथ दिलवा चूका है लेकिन कोई दूसरा मुख्यमंत्री अभी तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। त्रिवेंद्र रावत तीन वर्ष 365 दिन तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। लेकिन चुनाव से ठीक एक साल पहले उन्हें भी स्तीफा देना पड़ा।
2022 में उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव है ऐसे में प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदला जाना कही न कही त्रिवेंद्र सिंह की विफलता को जाहिर करता है। कुछ दिन पहले एक प्राइवेट न्यूज़ चैनल के सर्वे के अनुसार ये जानकारी भी सामने आई थी कि देश के सबसे ख़राब मुख्यमंत्रियों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम पहले नंबर पर था।क्योंकि प्रदेश की जनता ने उनके ख़िलाफ़ में वोटिंग की थी। इससे ये बात साबित हो चुकी थी कि प्रदेश में लोगो के बीच त्रिवेंद्र सिंह रावत की लोकप्रियता काफी कम है।
संघ से है पुराना रिश्ता
तीरथ सिंह रावत जिन्हे पार्टी ने नया प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया है उनका एक लम्बा राजनितिक करियर है। इससे पहले वह साल 2013 से 2015 तक प्रदेश के अध्यक्ष भी रहे है। इसके अलावा वर्तमान में पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट से वह चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे।इसके अलावा तीरथ सिंह रावत का संघ से भी काफी ज्यादा जुड़ाव रहा है। 1983 से 1988 तक उन्होंने संघ के प्रचारक के रूप में कार्य किया था। साल 2000 में उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद इन्हे प्रदेश में शिक्षा मंत्री बनाया गया था। इस तरह वो उत्तराखंड के पहले शिक्षा मंत्री बने थे।